Ri Ki Matra Wale Shabd – नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आए हैं ऋ की मात्रा वाले शब्द एवं वाक्य यह मात्रा वाले शब्द छोटी कक्षाओं के छात्रों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। बहुत से ऐसे विद्याथीँ है जिनको ऋ की मात्रा वाले शब्द व वाक्य नही पता है तो इस पोस्ट में हम Ri Ki Matra Wale Shabd जानेंगे
ऋ की मात्रा वाले शब्द जोड़ने की प्रक्रिया
अ + म + ृ + त = अमृत ग + ृ + ह = गृह व + ृ + त्त = वृत्त स + ृ + ज + न = सृजन क + ृ + प + य + ा = कृपया
Ri Ki Matra Wale Shabd | ऋ की मात्रा वाले शब्द
वृदि
वृद
वृन्दावन
वृक्षारोपण
हृदय
ऋण
ऋषभ
ऋषि
तृस
तृप्त
तृषा
तृष्णा
तृतीया
दृष्टि
दृश्य
दृष्टिकोण
ऋग्वेद
अमृत
अमृतसर
अतिगृह
अमृता
संस्कृति
संस्कृत
ओलावृति
परिष्कृत
श्रृंगार
ऋत्विजा
वृक्षासन
दृढ़
धृतराष्ट्र
धृता
नेतृत्व
मृत्यु
वृत्त
भृत
दृढ
कृत
वृक्ष
गृह
घृणा
ऋत्विक
अदृश्य
शृंखला
प्रतिकृति
श्रृंखला
शृगाल
वृतांत
मृदुल
हृदय
ऋण
ऋषभ
ऋषि
ऋण
ऋषिकेश
ऋतु
ऋचा
पृथ्वी
पितृ
पृथक
भृगु
मृत
मृतक
मृदा
मृत्युंजय
मृत्युदंड
मातृ
मृदु
मृदंग
वृंदावन
सृष्टि
ओलावृष्टि
पृथ्वीराज
प्रवृति
धूर्त
कृश
कृमि
कृषिमंत्री
कृग
गृह
गृष्म
गृहणी
गृहत्याग
गृहमंत्री
गृहस्थ
घृणा
घृणित
घृत
तृप्ति
ऋग्वेद
अमृत
अमृतसर
अतिगृह
कृपया
कृपालु
कृषक
कृतज्ञ
कृपाण
कृत्रिम
वृथा
कृष्कान्त
तृतीया
दृष्टि
दृश्य
दृष्टिकोण
दृढ़
धृतराष्ट्र
धृता
नेतृत्व
तृण
मृदा
दृश्य
कृपा
भृगु
कृमि
कृषि
तृषा
नृत्य
नृप
नृसिंह
नृशंस
अमृता
संस्कृति
संस्कृत
ओलावृति
परिष्कृत
श्रृंगार
ऋत्विजा
वृक्षासन
कृपाली
तृण
वृद्धावस्था
मृत्युंजय
ऋक
मृधक
मृत्योर्मुक्षीय
पृष
घृत
मृग
तृप्त
ऋण
कृत्य
मृदु
मृद्ग
नृप
तृस
कृति
ऋषि
कृग
वृत्त
मृद्ग
ऋजु
स्मृति
कृपया
कृपालु
कृषक
कृतज्ञ
स्पृहा
भृकुटी
नृत्यांत
कृदंत
उत्कृष्ट
वृष्टि
अतिथिगृह
गृहात
वृक्षावली
मृत्युलोक
पुरावृति
कृपाचार्य
नृत्य
नृप
नृसिंह
नृशंस
मृत्युदंड
मातृ
मृदु
मृदंग
मृतक
मृगराज
मृणालिनी
वृक्ष
कृष्ण
कृषि
कृष्णा
कृत्य
कृष
कृति
कृपा
कृपाल
मृतक
मृगराज
मृणालिनी
वृक्ष
कृषिमंत्री
कृग
गृह
गृष्म
गृहणी
गृहत्याग
गृहमंत्री
गृहस्थ
घृणा
घृणित
घृत
तृप्ति
तृस
तृप्त
तृषा
तृष्णा
वृद्धि
वृद्धावस्था
वृद्धा
वृथा
कृष्ण
कृषि
कृष्णा
कृत्य
कृष
कृति
कृपा
कृपाल
वृदि
वृद
वृन्दावन
वृक्षारोपण
वृद्धि
वृद्धावस्था
वृद्धा
वृथा
पृथ्वी
पितृ
पृथक
भृगु
मृत
मृतक
मृदा
मृत्युंजय
कृपाण
कृत्रिम
वृथा
कृष्कान्त
ऋण
ऋषिकेश
ऋतु
ऋचा
ऋ की मात्रा से बने वाक्य
अमृत जैसा बोलो।
पृथ्वी घुमती है।
मुझे संस्कृत आती है।
मेरे घर के समाने एक वृक्ष है।
उसका हृदय बहुत निर्मल है।
हम उम्मीद करते है की आपको ऋ की मात्रा वाले शब्द जरूर पसंद आए होंगे कृपया आप हमें कमेंट करके जरूर बताये और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
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